निजी नलकूप खनन पर लगी रोक, कलेक्टर ने जारी किया आदेश, पकड़े जाने पर जब्त होंगी मशीन

प्रधान संपादक - विवेक मालवीय

निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री हर्ष दीक्षित द्वारा मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 में धारा 3 के अंतर्गत एवं राजगढ जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये धारा-6 (1) के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नवीन नलकूप खनन करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इस संबंध में जारी निर्देशानुसार जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा में शासकीय विभागों एंव निजी व्यक्तियों / फर्मों द्वारा आवेदन करने पर पी.एच.ई. के प्रतिवेदन के आधार पर अत्यन्त आवश्यक होने पर नलकूप / बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई खनन करेगी।
प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबन्धित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर, पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष का कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। यह आदेश 01 अप्रैल 2024 से लागू होने से लेकर आगामी आदेश तक लागू रहेगा ।

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